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सगे चाचा की करतूत से 12 साल की लड़की हो गई गर्भवती, अब गर्भपात कराने के लिए भटक रही पुलिस, SP अरविंद कुजूर बोले…

सगे चाचा की करतूत से 12 साल की लड़की हो गई गर्भवती, अब गर्भपात कराने के लिए भटक रही पुलिस, SP अरविंद कुजूर बोले…
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By NPG News

मुंगेली 2 नवंबर 2020। सगे चाचा ने 12 साल की मासूम भतीजी से कई बार रेप किया। उसे भगाकर मदकू द्वीप ले गया। वहां एक मंदिर में रखकर मासूम के साथ संबंध बनाए। लौटने के बाद जब माता-पिता पुलिस के पास पहुंचे और मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट देखकर डॉक्टर और पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। 12 साल की मासूम के गर्भ में 7 हफ्ते का बच्चा था। इसकी पुष्टि के लिए सोनोग्राफी कराई गई। पुलिस ने आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन मासूम का गर्भपात कराने के लिए पुलिस अस्पताल के चक्कर काट रही है। घटना मुुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र की है। इस मामले में पुलिस ने 20 अक्टूबर को अपराध दर्ज किया। बेहद गरीब परिवार की अबोध बच्ची के साथ जो घटना हुई, उसमें मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरगांव पुलिस ने बेहद सावधानी से सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी की, जिससे मासूम को न्याय मिले। इसके विपरीत मुंगेली जिला अस्पताल से बिलासपुर सिम्स तक भटकते हफ्तेभर बीत गए हैं, लेकिन गर्भपात कराने के लिए जरूरी अनुमति नहीं मिल सकी है।
हो सकती है फांसी की सजा
पुलिस ने आरोपी चाचा के खिलाफ पाक्सो एक्ट, 376-क, ख, 363 और 366 के तहत अपराध दर्ज किया है। 12 वर्ष से कम उम्र की मासूम से रेप के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान है। हालांकि केस को पुख्ता करने के लिए पुलिस एक्स-रे करा रही है, जिससे उम्र का सही आंकलन किया जा सके। ऐसा इसलिए क्योंकि कोटवार या नगर पालिका में उम्र के संबंध में कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है।
डीएनए टेस्ट कराया जाएगा
इस मामले में गर्भपात कराने के बाद भ्रूण और आरोपी का ब्लड सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिससे इस बात की भी पुष्टि हो सके कि चाचा की वजह से ही मासूम गर्भवती हुई है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर डॉक्टर भी चौंक गए हैं, क्योंकि 12 साल की उम्र में गर्भ धारण करने की घटना पहली है। मेडिकल साइंस में इस उम्र को गर्भ के लिए पर्याप्त नहीं माना जाता है। इसलिए भी उम्र का सही आंकलन करने के लिए अतिरिक्त कवायद की जा रही है।
इस मामले में मुंगेली के पुलिस अधीक्षक अरबिंद कुजूर का कहना है, पुलिस पीड़ित की आयु को ध्यान में रखकर कार्यवाही कर रही है। कानूनी पहलुओं के साथ-साथ स्वास्थ्य की भी चिंता है। जिला न्यायालय और बाल संरक्षण अधिकारी के बीच समन्वय बनाकर कार्यवाही की जा रही है।

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