Begin typing your search above and press return to search.

7th Pay Commission : DA में 24 फीसदी बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार ने दिया है ये फाइनल जवाब…. महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी को लेकर आ रही खबरों पर ये दिया है सरकार ने जवाब

7th Pay Commission : DA में 24 फीसदी बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार ने दिया है ये फाइनल जवाब…. महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी को लेकर आ रही खबरों पर ये दिया है सरकार ने जवाब
X
By NPG News

नयी दिल्ली 5 दिसंबर 2020। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह महत्‍वपूर्ण खबर है। यह खबर इसलिए अहम है क्‍योंकि यह महंगाई भत्‍ते DA से जुड़ी है। असल में इन दिनों एक खबर बहुत तेजी से वायरल हो रही है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्‍ता 24 फीसदी बढ़ा दिया है। और इस वर्ष अप्रैल में डीए पर लगी रोक को भी हटा लिया गया है। लॉकडाउन के बाद सरकार ने डीए में इजाफे पर रोक लगा दी थी। यह सूचना 1 दिसंबर को एक ट्वीट के माध्‍यम से सोशल मीडिया पर फैली थी। अब सरकार ने इसका जवाब दिया है। वास्‍तव में यह एक फेक न्‍यूज है। पीआईबी यानी प्रेस इंफार्मेशन ब्‍यूरो की फैक्‍ट चेकिंग विंग PIB Fact Check ने इसका खंडन किया है और इसे निराधार बताया है। सरकार ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है इस प्रकार कोई भी फैसला नहीं लिया गया है और इस सूचना के बहकाने में आने की जरूरत नहीं है। उक्‍त फर्जी ट्वीट में कहा गया है कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई भत्‍ते DA पर लगी रोक को हटाने का आदेश जारी किया है और इसके साथ ही डीए में 24 प्रतिशत का इजाफा करने को भी स्‍वीकृति दे दी है। हालांकि पीआईबी ने इस दावे को फर्जी बताया है और स्‍पष्‍ट कर दिया है कि ऐसा कोई फैसला सरकार द्वारा नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को पुरानी दर के अनुसार ही डीए महंगाई भत्‍ते का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में यह दर 21 प्रतिशत है। लेकिन मौजूदा दौर में कर्मचारियों को महज 17 प्रतिशत की दर से ही भुगतान किया जा रहा है। हर वर्ष महंगाई भत्‍ता दो बार बढ़ाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते सरकारी खजाने पर प्रभाव पड़ा है, इसके चलते इसमें इजाफा नहीं हो पाया है।

दावा : एक #morphed तस्वीर में यह दावा किया जा रहा है कि

@FinMinIndia

ने डीए व महंगाई भत्ते पर से रोक हटाकर, इसमें 24% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।

#PIBFactCheck : यह दावा #फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।

अक्‍टूबर 2020 में भी ऐसी ही खबर हुई थी वायरल, वह भी फेक थी

गत अक्‍टूबर माह में भी ऐसी ही एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी कि केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में कटौती किए जाने की घोषणा केंद्र सरकार ने वापस ले ली है। यानी कर्मचारियों को डीए का भरपूर लाभ मिलने वाला है। मैसेज में यह भी कहा गया है कि 1 जनवरी 2020 से यह महंगाई भत्‍ता लागू करके इसका भुगतान किया जाएगा। इस सूचना को पुख्‍ता बनाने के लिए केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी पत्र भी अटैच करके दर्शाया गया। इस खबर के बाद से कई कर्मचारियों को डीए की आस फिर से बंध गई है। यह एक फेक न्‍यूज है, फर्जी मैसेज है। सरकार ने इसका सिरे से खंडन किया और स्‍पष्‍ट किया है कि इस प्रकार का कोई आदेश सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है। प्रेस इंफार्मेशन ब्‍यूरो PIB की फैक्‍ट चेक विंग ने इस खबर को झूठा बताते हुए इसे खारिज कर दिया है। सरकार ने इस अफवाह को निराधार बताते हुए सच्‍चाई सामने ला दी है।

इसमें कहा है कि, दावा: @FinMinIndia को लिखे गए एक अनुरोध पत्र पर अलग से हेडलाइन जोड़कर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने DA कटौती की घोषणा वापस ले ली है। #PIBFactCheck: यह हेडलाइन फर्जी है। यह अनुरोध पत्र मई 2020 में लिखा गया था। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

यह लिखा था उस फर्जी पत्र में

सोशल मीडिया पर वायरल किए गए इस फर्जी पत्र में कहा गया कि सरकार ने डीए में कटौती की अपनी घोषणा को वापस ले लिया है। यह शीर्षक ही भ्रमपूर्ण है। यह अनुरोध पत्र गत मई के महीने में लिखा गया था। सच यह है कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। पीआईबी के फैक्‍ट चेक PIB Fact Check से यह तो साफ हो गया है कि अप्रैल माह के आदेश को वापस नहीं लिया गया है। हालांकि फेक न्‍यूज में इसे वापस लिया जाना बताया गया। पीआईबी फैक्‍ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह बताया गया है कि गत मई के महीने में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को महंगाई भत्‍ते में कटौती के निर्णय को वापस लिए जाने का एक अनुरोध पत्र लिखा गया था। लेकिन कतिपय तत्‍वों ने इस अनुरोध पत्र पर एक अलग से शीर्षक बनाकर यह दावा कर दिया कि सरकार अपना निर्णय वापस ले रही है, ताकि यह खबर विश्‍वसनीय बन सके, लेकिन पीआईबी ने इसकी पोल खोल दी है।

सोशल मीडिया की वायरल पोस्‍ट को इस नंबर पर भेजकर करें वेरीफाई

सोशल मीडिया पर सरकारी योजनाओं, नौकरी के विज्ञापन या अन्य हितग्राही योजनाओं के संबंध में कई संदेश वायरल होते रहते हैं और इस संबंध में जनता को भ्रमित किया जाता है। यदि आपके पास भी सरकारी योजनाओं के संबंध को सोशल मीडिया पर कोई मैसेज मिलता है और आप उसकी सच्चाई के बारे में जानना चाहते हैं कि वह सच है या नहीं तो इसके लिए एक बहुत ही आसान तरीका है। अपने मोबाइल में इस नंबर (+91 8799711259) को सेव कर लें। इस व्हाट्सअप नंबर पर वह मैसेज फारवर्ड कर सकते हैं और PIB की फेक्ट चेक टीम के द्वारा सच्चाई प्राप्त कर सकते हैं।

सातवां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्‍छी खबर, LTC के नियमों में हुआ बदलाव

Next Story