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छत्तीसगढ़ के 75 हजार मजदूर लौट चुके हैं घर… मुख्यमंत्री भूपेश ने केंद्र पर बोला करारा हमला, कहा- “शर्म आनी चाहिये ! लाखों मजदूरों की जिंदगी को नरक बना दिया”

छत्तीसगढ़ के 75 हजार मजदूर लौट चुके हैं घर… मुख्यमंत्री भूपेश ने केंद्र पर बोला करारा हमला, कहा- “शर्म आनी चाहिये ! लाखों मजदूरों की जिंदगी को नरक बना दिया”
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By NPG News

रायपुर 17 मई 2020। छत्तीसगढ़ में दूसरे प्रदेशों से अब तक 75 हजार मजदूर वापस आ चुके हैं। इन मजदूरों में 16 हजार मजदूर रेल मार्ग से और बाकी बचे 59 हजार मजदूर सड़क मार्ग से छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने व्यवस्था की है कि दो राज्यों की सहमति के बाद ही ट्रेनें चलेगी, इसलिए देरी हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक से मजदूर को लाने की सहमति में 3 दिन का वक्त लग गया। यूपी में भी इसी तरह की देरी हुई, वहीं जम्मू-कश्मीर से सहमति के लिए 11 मई को ही पत्र भेजा गया है , लेकिन अभी तक सहमति मिली नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्यों से एंड टू एंड ट्रेनें चला देती तो अब तक लाखों मजदूर अपने घरों में पहुंच जाते।

उन्होंने तीखा वार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से मजदूर पैदल चलने को बाध्य हुए हैं। अगर केंद्र ने सही निर्णय लिया होता तो आज सैंकड़ों मजदूरों की मौत नहीं होती। राहुल गांधी के प्रवासी मजदूरों से बातचीत पर निर्मला सीतारमण के आये बयान पर वार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि

“केंद्र सरकार प्रवासी श्रमिकों से बात करने पर तिलमिला उठी है। उन्होंने तो उनका दुःख बांटने की कोशिश की। उस पर आप कहते हैं कि उन्होंने उनका समय बर्बाद किया। निर्मला सीतारमण जी आपने तो लाखों मजदूरों का जीवन बर्बाद कर दिया है। आपकी नाकामी की सजा लाखों श्रमिकों को सहनी पड़ रही है”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के रास्ते अधिकांश मजदूर बिहार, उड़ीसा, यूपी जा रही है, वो किराये के ट्रक से घर लौट रहे हैं। ये वो राज्य हैं, जहां भाजपा की सरकार है, अपने राज्यों में भी केंद्र सरकार ट्रेनों को नहीं चला पायी है। भूपेश बघेल ने कहा कि

“आप पूरे मामले में केंद्र सिर्फ ठीकरा दूसरे के सर पर फोड़ने का काम कर रही है…आपको शर्म आनी चाहिये, आपने लोगों की जिंदगी को नरक बना दिया है, इसे आपको स्वीकार करना होगा, जब आप ताली और थाली बजाने में देश में एकजुटता का दावा करते हैं, तो लाखों मजदूर जो सड़क पर चल रहे हैं, उसकी भी जिम्मेदारी आपको लेनी होगी”

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