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4 लोगों को जिंदा जलाया: भाई, भाभी और भतीजी की मौत… जायदाद विवाद में भाई ने परिवार के चार लोगों को जिंदा जलाया, बाद में खुद भी कर ली खुदकुशी

4 लोगों को जिंदा जलाया: भाई, भाभी और भतीजी की मौत… जायदाद विवाद में भाई ने परिवार के चार लोगों को जिंदा जलाया, बाद में खुद भी कर ली खुदकुशी
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By NPG News

अनूपपुर 26 नवंबर 2020. छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहाँ जमीन विवाद के चलते एक सौतेले भाई ने पूरे परिवार को खत्म करने के लिए उनके कमरे में पेट्रोल डालकर आग लगा दी है। इस हृदय विदारक घटना में तीन लोगों की जलने से मौत हो गई और एक 17 वर्षीय किशोर आग से झुलस गया। इसके बाद आरोपी ने खुद भी अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली है। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर के बाद पूरे इलाकें में सनसनी मच गई है।

घटना जैतहरी थाना क्षेत्र के ग्राम धनगवां की है। घटना बुधवार गुरुवार दरमियानी रात करीब 1:30 बजे की है। आरोपी दीपक विश्वकर्मा (35) का अपने सौतेले बड़े भाई ओमकार विश्वकर्मा के साथ जमीन जायदाद को लेकर अक्सर विवाद होता था। इसी विवाद के चलते दीपक ने बीती रात ओमकार के परिवार पर सोते समय पेट्रोल डालकर आग लगा दी और उसके बाद स्वयं भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि घटना में ओमकार विश्वकर्मा (42), उसकी पत्नी कस्तूरिया विश्वकर्मा (46) और ओमकार की पुत्री निधि (17) की मौत हो गई। जबकि ओमकार का 18 वर्षीय पुत्र आशीष गंभीर रुप से घायल हो गया। उसे उपचार के लिए शहडोल भेजा गया है। गुरुवार अलसुबह मौके पर SP एमएल सोलंकी समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस भी घर का मंजर देख सहम गई। घर पूरी तरह जल चुका था। मौके पर सिर्फ हड्‌डियाें के ढांचे और राख बची थी। पुलिस ने ढांचे बीनकर जांच के लिए भिजवाए हैं।

दीपक के कमरे में दीवार पर कोयले से कुछ शब्द लिखे हैं, जिसे इस हत्याकांड का कारण बताया जा रहा है। दीवार पर लिखा है कि ” चेतराम के साथ मिलकर जुग्गा उसे घर से भगा रहे थे। तेरा यहां कुछ नहीं है। वे जुआ खेलने का भी आरोप लगा रहे थे” दीवार पर लिखे इस नोट को लेकर एसपी एमएल सोलंकी का कहना है कि दीपक के अपने भाई ओमकार के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे। दोनों में पैसों को लेकर विवाद हुआ था। प्राथमिक जांच में लग रहा है कि संभवत: दीपक ने ही इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया है। फिर भी अन्य एंगल को लेकर भी जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार गांव में छोटेलाल के तीन पुत्र ओमकार विश्वकर्मा, चेतराम और दीपक साथ में घर में रहते थे। इनमें दीपक सबसे छोटा था। वे अपना अलग व्यवसाय कर रहे थे। छोटा भाई दीपक अविवाहित था। उसे गैरेज खोलने के लिए दोनों भाइयों ने एक साल पहले बैंक से 10 लाख रुपए लोन दिलवाया था। दीपक ने अपना व्यवसाय भी प्रारंभ कर दिया था, लेकिन किश्त समय पर ना जमा करने को लेकर दोनों में विवाद होता रहता था।

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