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100 हत्या करने वाला सीरियल किलर डॉक्टर : टैक्सी चालकों को मारकर मगरमच्छ के आगे फेंक देता था, पुलिस ने किया गिरफ्तार….. पढ़ें कैसे देता था पूरी घटना को अंजाम

100 हत्या करने वाला सीरियल किलर डॉक्टर : टैक्सी चालकों को मारकर मगरमच्छ के आगे फेंक देता था, पुलिस ने किया गिरफ्तार….. पढ़ें कैसे देता था पूरी घटना को अंजाम
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By NPG News

लखनऊ 30 जुलाई 2020. गुरुग्राम किडनी कांड में शामिल अलीगढ़ के डॉ देवेंद्र शर्मा को दिल्‍ली में गिरफ्तार कर लिया गया. डॉ शर्मा पर साल 2002 से 2004 के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 100 से अधिक टैक्सी चालकों की हत्या करने का आरोप है. बताया जाता है कि काम को अंजाम देने के बाद डॉ शर्मा अलीगढ़ मंडल के जिला कासगंज के हजारा कैनाल में शवों को फेंक देता था.

गिरफ्तार आरोपी देवेंद्र शर्मा जयपुर के एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 16 साल जेल में रहने के बाद वह जनवरी के महीने में 20 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था और उसके बाद फरार हो गया था। वह बीएएमएस डॉक्टर से सीरियल किलर बना था और जयपुर सेंट्रल जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था। देवेंद्र शर्मा के खिलाफ हत्या के केस में सजा भुगतने के दौरान पैरोल जंप करने के लिए जयपुर में मुकद्दमा दर्ज किया गया था। देवेंद्र और उसके साथियों पर 2002-2004 के बीच दर्जनों ट्रक/टैक्सी ड्राइवर की हत्या का आरोप लगा था। वह हत्या के बाद शवों को हजारा नहर, कासगंज में फेंक दिया करते थे जहां मगरमच्छ उन्हें खा जाते थे और टैक्सी बेच देते थे या मेरठ में कटवा देते थे। हत्यारा देवेंद्र शर्मा पैरोल पर फरार होने के बाद गुपचुप तौर पर शादी कर के दिल्ली में छुपकर रह रहा था।

कई मामलों में है दोषी
देवेंद्र शर्मा पर उत्तर प्रदेश में नकली गैस एजेंसी खोलने के भी दो केस दर्ज हुए थे। देवेंद्र शर्मा 2004 के कुख्यात किडनी ट्रांसप्लांट कांड में भी जयपुर, बल्लभगढ़ और गुड़गांव के मामलों में गिरफ्तार हुआ था और उसने 125 से ज्यादा ट्रांसप्लांट कराए थे। देवेंद्र शर्मा के खिलाफ अपहरण और हत्या के दर्जनों मामले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 2002 के बाद दर्ज हुए थे, जिनमें कई केस में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राकेश पावरिया ने बताया कि वांछित अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही थी। गुप्त सूचना मिली कि हत्या के मामले में जयपुर के सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा देवेंद्र कुमार शर्मा जनवरी महीने में जयपुर जेल से 20 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था लेकिन तभी से फरार चल रहा है। वह पिछले कुछ समय से गुप्त रूप से दिल्ली के बापरोला के इलाके में रह रहा है। सूचना के आधार पर राम मनोहर के नेतृत्व में पुलिस एक टीम को उसके पीछे लगाया गया। इस टीम ने बपरौला इलाके में गली नंबर- 10 में एक घर में रह रहे देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

पहले अस्पताल चलाता था बदमाश
पूछताछ में आरोपी देवेंद्र शर्मा ने खुलासा किया कि उसने बिहार के सीवान से बीएएमएस में स्नातक किया है और 1984 से 11 साल तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से एक क्लिनिक चलाया। उसने वर्ष 1982 में शादी कर ली। वर्ष-1994 में बदमाश ने गैस डीलरशिप के लिए 11 लाख रुपए का निवेश किया लेकिन जिस कंपनी में उसने रकम जमा कराई थी, वह लोगों को ठग कर फरार हो गई। उसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1995 में यूपी के छारा गांव में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी चलाने लगा।

शुरुआत में उसने लखनऊ से कुछ सिलेंडरों में रसोई गैस लाना शुरू किया। इस दौरान वह राज, उदयवीर और वेदवीर नाम के तीन व्यक्तियों के संपर्क में आया, जो चोरी और डकैती करते थे। इन व्यक्तियों ने ड्राइवर की हत्या करके एलपीजी सिलिंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू कर दिया। ये देवेंद्र शर्मा की फर्जी गैस एजेंसी में ट्रक को खाली कर देते थे। डेढ़ साल के बाद देवेंद्र को नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने एक बार फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की, लेकिन फिर से उसके खिलाफ पीएस कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।

किडनी रैकेट में केस दर्ज
वर्ष 1994 में भारी वित्तपोषण के नुकसान के बाद देवेंद्र शर्मा जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य स्थानों में चल रहे अंतरराज्यीय अवैध किडनी प्रत्यारोपण रैकेट में शामिल हो गया। अवैध किडनी प्रत्यारोपण के बारे में इन तीन स्थानों पर दर्ज आपराधिक मामलों में वह शामिल था। उसे देश में किडनी रैकेट का सरगना कहे जाने वाले डॉ अमित द्वारा संचालित नर्सिंग होम में 2004 में गुरुग्राम किडनी रैकेट मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कई डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया था। उसने 1994 से 2004 तक 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण अवैध रूप से किए गए थे जिसके लिए प्रति मामले में 5 से 7 लाख रुपए मिले।

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