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जानिए नींबू के फायदे, क्यों और कैसे करता है यह हमारे शरीर की रक्षा

जानिए नींबू के फायदे, क्यों और कैसे करता है यह हमारे शरीर की रक्षा
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By NPG News

नई दिल्ली 11 जनवरी 2020 यह एक जाना-माना तथ्य है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क की कुछ कोशिकाएं खत्म होती जाती हैं। सौभाग्य से, हमारे पास अब कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनके जरिये बढ़ती उम्र में मस्तिष्क की क्षमता और स्मरण-क्षमता को होने वाले नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकती है

हमारा मस्तिष्क जिन चीजों से बना है, उनमें वसा का योगदान 60 फीसदी होता है। इसलिए मस्तिष्क कोशिकाएं (न्यूरॉन) चयापचय के स्तर पर सक्रिय होती हैं और सर्वाधिक मुक्त कण यानी फ्री रेडिकल्स पैदा करती हैं। मुक्त कण घातक होते हैं। शरीर का मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र इन मुक्त कणों को बेअसर करने के लिए पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट पैदा करता है।

खराब खानपान, टॉक्सिक लिवर, शारीरिक और भावनात्मक तनाव तथा प्रदूषण के कारण बड़ी संख्या में मुक्त कण पैदा होते हैं, जो न्यूरॉन को बुढ़ापे की ओर धकेलते हैं।

मस्तिष्क पर भोजन का गहरा प्रभाव पड़ता है। टमाटर और तरबूज में पाए जाने वाले लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सिडेंट मस्तिष्क की रक्षा करने में मदद करते हैं।

विटामिन ई ऑक्सीडेटिव तनाव के खिलाफ मस्तिष्क की रक्षा करने में मदद करता है। रोजाना लहसुन का सेवन करना भी मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और उनके विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

विटामिन सी ग्लूटाथियोन के स्तर पर समान प्रभाव डालता है और मस्तिष्क कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है। रोजाना 500 मिलीग्राम की एक खुराक पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है।

कोरियाई जिनसेंग मानसिक तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है और मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। यह मस्तिष्क को सतर्क रखने में मदद करता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है, जबकि सभी शारीरिक कार्यों को सामान्य करता है।

विटामिन बी 12 को ‘मस्तिष्क का भोजन’ भी कहा जाता है। जैस-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, शरीर भोजन से पर्याप्त बी-12 को अवशोषित करने में असमर्थ होता जाता है। इससे संतुलन में कमी, मांसपेशियों की कमजोरी, खराब दृष्टि जैसी तंत्रिका संबंधी गड़बड़ियां होती हैं।

बी-12 की अनुपूरक खुराक लेने से इस समस्या को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। बी-12 डेयरी उत्पादों, रेड मीट, अंडे और मछली में पाया जाता है। इसलिए शाकाहारी लोगों को विटामिन बी-12 की अनुपूरक खुराक की खास तौर पर जरूरत पड़ती है ताकि उनका मस्तिष्क उम्र बढ़ने के कारण होने वाले दुष्प्रभावों से पूरी तरह सुरक्षित रह सके।

जिन्को बाइलोबा एक हर्बल अनुपूरक है जो सतर्कता की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। दरअसल यह मस्तिष्क के ऊतकों में रक्त संचार को बेहतर करता है। इसलिए 50 वर्ष से अधिक आयु वालों को दिन में एक या दो बार इसकी लगभग 40 मिली ग्राम खुराक लेनी चाहिए।

अधेड़ होने के पहले ही एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य उत्पादों का सेवन करने से बुढ़ापे में आपकी याददाश्त ठीक रहती है। लेकिन सही खानपान और स्वास्थ्यकर जीवनशैली के लिए जरूरी अन्य कारकों का अनुसरण करना भी जरूरी है।

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